रिटायरमेंट के बाद सेना के कुत्तों का क्या होता है? क्या सच में उन्हें गोली मार दी जाती है?

Indian Army: इंडियन आर्मी में जवानों की तरह ही कुत्तों को भी रिक्रूट किया जाता है और उन्हें खास ट्रेनिंग दी जाती है. ट्रेनिंग में उन्हें बम या कोई भी विस्फोटक सूंघने के लिए तैयार किया जाता है.

रिटायरमेंट के बाद सेना के कुत्तों का क्या होता है

हमारे WhatsApp Group मे जुड़े👉 Join Now

हमारे Telegram Group मे जुड़े👉 Join Now

Army Dogs: कुत्ता इंसान का सबसे वफादार दोस्त कहा जाता है. दुश्मन का पता लगाने के लिए भारतीय सेना भी इनका इस्तेमाल करती है. कहा जाता है कि भारतीय सेना रिटायरमेंट के बाद अपने कुत्तों (Army Dogs) और घोड़ों को गोली मार देती है. रिटायरमेंट के बाद सेना के कुत्तों का क्या होता है  इंटरनेट पर कई रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि कुत्तों की सेवा खत्म होने के बाद उन्हें मार दिया जाता है. सेना के इस बर्ताव को लेकर कई तरह के आरोप भी लगाए जाते हैं और इसे अमानवीय काम कहा जाता है. रिटायरमेंट के बाद सेना के कुत्तों का क्या होता है,  लेकिन क्या वाकई में भारतीय सेना ऐसा करती है? आइए जानते हैं कि आखिर इस बात में कितनी सच्चाई है…

ये भी पढ़े :-  खान सर को मशहूर एक्ट्रेस पर है क्रश, कपिल शर्मा के सामने कबूली दिल की बात; शर्म से लाल हुआ चेहरा

 

कुत्तों की भी होती है भर्ती

इंडियन आर्मी में जवानों की तरह ही कुत्तों को भी रिक्रूट किया जाता है और उन्हें खास ट्रेनिंग दी जाती है. ट्रेनिंग में उन्हें बम या कोई भी विस्फोटक सूंघने के लिए तैयार किया जाता है. सेना ज्यादातर लैब्राडॉर, जर्मन शेफर्ड, बेल्जियन शेफर्ड नस्ल के कुत्तों को रिक्रूट करती है. इन कुत्तों को रैंक और नाम भी दिए जाते हैं साथ ही इनके रिटायरमेंट पर कई रस्म भी फॉलो की जाती है.रिटायरमेंट के बाद सेना के कुत्तों का क्या होता है

क्या सही में कुत्तों को गोली मार दी जाती है?

रिटायरमेंट के बाद सेना के कुत्तों का क्या होता है, द प्रिंट की एक रिपोर्ट में सेना के प्रवक्ता ने बातचीत में बताया था कि यह तथ्य गलत है. रिपोर्ट के अनुसार सेना प्रवक्ता ने बताया कि साल 2015 में सरकार की मंजूरी के बाद से सेना ने जानवरों की इच्छामृत्यु (दया-हत्या) बंद कर दी है. यानी रिटायरमेंट के बाद सेना की तरफ से कुत्तों को गोली नहीं मारी जाती है. उन्होंने आगे बताया कि सिर्फ उन्ही को इच्छामृत्यु दी जाती है, जो किसी लाइलाज बीमारी से पीड़ित होते हैं. रिटायरमेंट के बाद सेना के कुत्तों का क्या होता है

ये है गोली मारने के दावे की पीछे दलील

रिटायरमेंट के बाद सेना के कुत्तों का क्या होता है सेना के कुत्तों को गोली मारने के दावे के पीछे कहा जाता है कि देश की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए भारतीय सेना ऐसा करती थी. सेना के लोगों को डर रहता था कि कहीं रिटायरमेंट के बाद कुता गलत हाथों में पड़ गया तो मुश्किल हो सकती है. कोई उनका गलत इस्तेमाल न कर सके इसलिए इन एक्सपर्ट कुत्तों को गोली मार दी जाती है. साथ ही कुत्तों के पास आर्मी के सेफ और खूफिया ठिकानों के बारे में पूरी जानकारी होने की बात भी कही जाती है.

ये भी पढ़े :-  Bihar Board Exam: बिहार बोर्ड 10वीं-12वीं की परीक्षा के लिए ये हैं रिवीजन के खास टिप्स, जरूर मिलेगी सफलता

 

रिटायरमेंट के बाद इन कुत्तों का क्या होता है?

अब सवाल यह है कि आखिर रिटायरमेंट के बाद सेना के कुत्तों के साथ क्या किया जाता है? भारतीय सेना की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, रिटायरमेंट के बाद इन कुत्तों को मेरठ (कुत्तों के लिए), और उत्तराखंड के हेमपुर (घोड़ों के लिए) के ‘वृद्धाश्रम’ में भेज दिया जाता है. जहां उनका खास ख्याल रखा जाता है और रहने के लिए जगह भी दी जाती है.

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *