में जहां बड़े पैमाने पर शीशे के उत्पादन से संबंधित कार्य किए जाते हैं, वहीं क्राफ्ट वक्र्स के तहत किसी वर्कशॉप या स्टूडियो में शीशे के विभिन्न उत्पाद बनाए जाते हैं, जैसे ग्लास वेयर, स्टेंड ग्लास आदि.ग्लास इंडस्ट्री शीशे से संबंधित डिजाइनिंग का काम भी इसके तहत आता है.
कोर्स कैसे-कैसे, योग्यता क्या होनी चाहिए
इस क्षेत्र में डिप्लोमा, सर्टिफिकेट, स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर के कोर्स हैं, जिनमें दाखिला लिया जा सकता है. ग्लास से संबंधित विभिन्न पाठ्यक्रमों के लिए शैक्षणिक योग्यता इस बात पर निर्भर करती है कि ग्लास इंडस्ट्री आप ग्लास इंडस्ट्री में किस रूप में जुड़ना चाहते हैं.
ग्लास इंजीनियरिंग के लिए जहां विज्ञान (पीसीएम) विषय से 12वीं पास होना चाहिए, वहीं ग्लास पेंटिंग या डेकोरेशन से संबंधित कोर्स में सभी आवेदन कर सकते हैं. आईआईटी जैसे संस्थानों में पढ़ाई करनी हो तो जेईई (मेंस व एडवांस्ड) क्लियर करना होगा.ग्लास इंडस्ट्री अन्य संस्थानों के भी अपनी-अपनी प्रवेश प्रक्रियाएं होती हैं.
मुख्य संस्थान
ग्लास एकेडमी, कांचीपुरम, तमिलनाडु
www.glass-academy.com
गौरांग इंस्टीट्यूट ऑफ ग्लास डिजाइन टेक्नोलॉजी एंड इंफॉर्मेशन, अहमदाबाद
www.glassdesigninstitute.com
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास, चेन्नई
www.iitm.ac.in/glassblowingsection
केंद्रीय कांच एवं सेरामिक अनुसंधान संस्थान, कोलकाता
www.cgcri.res.in
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन, अहमदाबाद
www.nid.edu