क्या है मनीष कश्यप की गिरफ्तारी का सच? ट्वीट पर बिहार पुलिस बोली- फिर से केस दर्ज करते हैं

क्या है मनीष कश्यप की गिरफ्तारी का सच

क्या है मनीष कश्यप की गिरफ्तारी का सच: तमिलनाडु में बिहार के मजदूरों की कथित पिटाई को लेकर फेक न्यूज की बाढ़ सी आ गई है. अब एक और फेक न्यूज यूट्यूबर मनीष कश्यप की गिरफ्तारी को लेकर फैलाये गये है. बिहार पुलिस इस फर्जी जानकारी को शेयर करने ट्विटर यूजर के खिलाफ कार्रवाई करने जा रही है. मजदूरों की पिटाई को लेकर फर्जी वीडियो शेयर करने को लेकर  मनीष कश्यप के खिलाफ केस दर्ज है. हालांकि बिहार पुलिस ने अब तक उसे गिरफ्तार नहीं की है. आइए पूरा मामला समझाते हैं.

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मनीष कश्यप (@ManishKashyap43) नाम के एक ट्विटर यूजर ने मनीष की गिरफ्तारी को लेकर ट्वीट किया. इसमें लिखा गया है,

“मुझे खुशी है कि मैं अपने बिहारवासियों के लिए जेल जा रहा हूं. कल रात 8 बजे मुझे गिरफ्तार किया गया. बिहार की जनता देख रही है कैसे अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने वालों को जबरन दबाया जाता है. मैं ना रुका था, ना रुकूंगा. वापस आऊंगा जल्द ही. जय हिन्द.”

बिहार पुलिस ने गिरफ्तारी की बात को भ्रामक बताया है. साथ में लिखा है कि फर्जी वीडियो फैलाने के आरोपी मनीष कश्यप द्वारा नए ट्विटर हैंडल पर अपनी गिरफ्तारी की फोटो पोस्ट की गई जो पूरी तरह गलत है. पुलिस ने कहा कि इस भ्रामक पोस्ट के लिए दोबारा FIR दर्ज की जा रही है. बिहार पुलिस के मुताबिक यह फोटो 5 फरवरी 2019 की है जब मनीष कश्यप को पटना पुलिस ने गिरफ्तार किया था.

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बिहार पुलिस ने गिरफ्तारी की बात करने वाले इस अकाउंट को मनीष कश्यप का नया ट्विटर हैंडल बता रही है. हालांकि ये साफ नहीं है कि ये मनीष कश्यप का ही दूसरा अकाउंट है या किसी अन्य का. बिहार पुलिस के ट्वीट में साफ नहीं है कि वो दोबारा FIR किसके खिलाफ दर्ज करेगी. ट्विटर पर मनीष कश्यप नाम से कई अकाउंट दिख रहे हैं. जिस आईडी (@manishkashyap43) से गिरफ्तारी की बात कही गई, वो अब दूसरे नाम से दिख रहा है. उस ट्विटर हैंडल पर अब “फेक अकाउंट” लिखा है. अकाउंट के बायो में लिखा है,

“ये मनीष कश्यप का फैन पेज है. फर्जी फोटो पोस्ट करने के लिए माफ कर दीजिये. प्लीज सर मुझे माफ कर दीजिए. मैं वादा करता हूं कि अब इस तरह का काम कभी नहीं करूंगा.”

इससे पहले मनीष कश्यप ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से बिहारी मजदूरों पर कथित हमले को लेकर कई ट्वीट किए थे. बिहार पुलिस ने मजदूरों की पिटाई के वीडियो को झूठा बताया था और मनीष कश्यप के खिलाफ FIR दर्ज की थी. इसके बाद मनीष कश्यप का वेरिफाइड अकाउंट ट्विटर से हट गये थे. अपने खिलाफ केस दर्ज होने के बाद मनीष कश्यप ने कहा था कि उनसे पहले कई प्रमुख मीडिया हाउस बिहारी मजदूरों की ‘पिटाई’ की खबर चला चुके थे. लेकिन पुलिस के द्वारा केवल उन्हें निशाना बना रही है.

खुद को पत्रकार बताने वाले मनीष कश्यप के खिलाफ पहले भी कई मामले में केस दर्ज हो चुके हैं. साल 2020 में मनीष ने बिहार की चनपटिया विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनाव भी लड़ा था. उस दौरान उन्होंने जो चुनावी हलफनामा जमा किया था उसके मुताबिक, उन पर कुल 6 मामले दर्ज हैं. इनमें समूह में इकठ्ठा होकर मारपीट, रेलवे की संपत्ति को नुकसान पहुंचाना और धोखाधड़ी जैसे गंभीर मामले भी उनपर है. मनीष को कई बार गिरफ्तार भी किये गये है. लेकिन किसी मामले में सजा नहीं हुई है.

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